कारक की परिभाषा, भेद, उदाहरण और उपयोग

कारक की परिभाषा

कारक (Case) वह शब्द या वाक्यांश होते हैं, जो वाक्य में किसी नाम, संज्ञा, सर्वनाम, या विशेषण के रिश्ते को स्पष्ट करते हैं। यह दर्शाता है कि वाक्य में उस संज्ञा या सर्वनाम का क्या कार्य है, जैसे कर्ता, कर्म, आदि। हिंदी में संज्ञाओं के साथ कुछ विशेष रूप से जुड़े हुए रूप होते हैं, जिन्हें कारक कहा जाता है। इन कारकों का कार्य वाक्य में संज्ञाओं, सर्वनामों आदि के रिश्ते को स्पष्ट करना है।

हिंदी में कुल 7 प्रमुख कारक होते हैं, जो संज्ञा या सर्वनाम के रूप में वाक्य में विभिन्न कार्यों को प्रदर्शित करते हैं। ये कारक वाक्य के अर्थ और संरचना को समझने में मदद करते हैं।

कारकों के भेद (Types of Cases)

  1. कर्तृकारक (Nominative Case)
    • परिभाषा: कर्तृकारक वह कारक होता है, जो वाक्य में क्रिया का कर्ता या वह व्यक्ति या वस्तु होती है जो क्रिया को करती है।
    • प्रयोग: कर्तृकारक का प्रयोग कर्ता को दिखाने के लिए किया जाता है।
    • उदाहरण:
      • राम किताब पढ़ता है। (यहां “राम” कर्ता है, जो क्रिया “पढ़ता है” को करता है।)
  2. कर्मकारक (Objective Case)
    • परिभाषा: कर्मकारक वह कारक होता है, जो वाक्य में क्रिया का लक्ष्य या वह व्यक्ति या वस्तु है जिस पर क्रिया हो रही होती है।
    • प्रयोग: कर्मकारक का प्रयोग उस वस्तु या व्यक्ति को दर्शाने के लिए किया जाता है जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़ता है।
    • उदाहरण:
      • उसने सेब खाया। (यहां “सेब” कर्म है, जिस पर क्रिया “खाया” हो रही है।)
  3. संपर्ककारक (Dative Case)
    • परिभाषा: संपर्ककारक वह कारक होता है, जो वाक्य में किसी को लाभ या हानि पहुंचाने वाले व्यक्ति को दर्शाता है।
    • प्रयोग: संपर्ककारक का प्रयोग उस व्यक्ति को दर्शाने के लिए किया जाता है जिसे किसी कार्य से लाभ या हानि होती है।
    • उदाहरण:
      • मैंने उसे एक उपहार दिया। (यहां “उसे” संपर्ककारक है, जिसे उपहार दिया गया।)
  4. अपादानकारक (Ablative Case)
    • परिभाषा: अपादानकारक वह कारक होता है, जो वाक्य में किसी वस्तु के स्रोत, कारण या उत्पत्ति को दर्शाता है।
    • प्रयोग: अपादानकारक का प्रयोग उस वस्तु से जुड़ी जानकारी देने के लिए किया जाता है, जिससे कोई कार्य हुआ है।
    • उदाहरण:
      • वह किताब से जानकारी प्राप्त करता है। (यहां “किताब” अपादानकारक है, जिससे जानकारी प्राप्त की जाती है।)
  5. साधनकारक (Instrumental Case)
    • परिभाषा: साधनकारक वह कारक होता है, जो वाक्य में क्रिया के साधन या उपकरण को दर्शाता है।
    • प्रयोग: साधनकारक का प्रयोग उस वस्तु को दिखाने के लिए किया जाता है जिससे कोई कार्य संपन्न होता है।
    • उदाहरण:
      • उसने पेंसिल से चित्र बनाया। (यहां “पेंसिल” साधनकारक है, जिससे चित्र बनाया गया।)
  6. भाववाचककारक (Genitive Case)
    • परिभाषा: भाववाचककारक वह कारक होता है, जो किसी वस्तु या व्यक्ति के स्वामित्व, संबंध या गुण को व्यक्त करता है।
    • प्रयोग: भाववाचककारक का प्रयोग किसी चीज़ के स्वामित्व या गुण को दर्शाने के लिए किया जाता है।
    • उदाहरण:
      • राम का घर बहुत सुंदर है। (यहां “राम का” भाववाचककारक है, जो राम के स्वामित्व को दर्शाता है।)
  7. विपरीतकारक (Locative Case)
    • परिभाषा: विपरीतकारक वह कारक होता है, जो किसी स्थान या स्थिति को दर्शाता है जहां क्रिया हो रही होती है।
    • प्रयोग: विपरीतकारक का प्रयोग उस स्थान को बताने के लिए किया जाता है, जहां किसी कार्य की क्रिया घटित हो रही होती है।
    • उदाहरण:
      • वह स्कूल में पढ़ाई करता है। (यहां “स्कूल में” विपरीतकारक है, जो स्थान को दर्शाता है।)

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