तत्पुरुष समास: परिभाषा, भेद, उदाहरण और उपयोग
तत्पुरुष समास हिंदी व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है जो न केवल परीक्षाओं में बल्कि रोजमर्रा की भाषा में भी व्यापक रूप से प्रयोग होता है। इस विस्तृत लेख में हम तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद, उदाहरण और व्यावहारिक उपयोग को इस तरह समझाएंगे कि छात्र इसे आसानी से समझ सकें और याद रख सकें।
तत्पुरुष समास की परिभाषा
तत्पुरुष समास वह समास है जिसमें उत्तर पद (दूसरा शब्द) प्रधान होता है और पूर्व पद (पहला शब्द) गौण होता है। इस समास की मुख्य विशेषता यह है कि समास बनाते समय कारक चिह्नों (‘को’, ‘से’, ‘का’, ‘में’ आदि) का लोप हो जाता है, परंतु अर्थ स्पष्ट रहता है।
सरल परिभाषा: जब दो शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं और उनके बीच छुपे हुए कारक चिह्न (‘को’, ‘से’, ‘के लिए’, ‘का’, ‘में’) का लोप हो जाता है, तो वह तत्पुरुष समास कहलाता है।
मुख्य विशेषताएं:
- उत्तर पद हमेशा प्रधान होता है
- कर्ता और संबोधन कारक को छोड़कर सभी कारकों की विभक्तियों का प्रयोग होता है
- समास का लिंग और वचन उत्तर पद के अनुसार होता है
- पूर्व पद संज्ञा या विशेषण हो सकता है
तत्पुरुष समास के छह मुख्य भेद
तत्पुरुष समास को कारक के आधार पर छह मुख्य भागों में बांटा गया है। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:
1. कर्म तत्पुरुष समास (को)
परिभाषा: जहां पूर्व पद में कर्म कारक की विभक्ति ‘को’ का लोप होता है।
पहचान की ट्रिक: विग्रह करते समय यदि ‘को’ निकले तो यह कर्म तत्पुरुष है।
मुख्य उदाहरण:
- स्वर्गप्राप्त = स्वर्ग को प्राप्त
- गगनचुंबी = गगन को चूमने वाला
- माखनचोर = माखन को चुराने वाला
- मनोहर = मन को हरने वाला
- जनप्रिय = जन को प्रिय
2. करण तत्पुरुष समास (से/द्वारा)
परिभाषा: जहां करण कारक की विभक्ति ‘से’ या ‘द्वारा’ का लोप होता है।
मुख्य उदाहरण:
- हस्तलिखित = हाथ से लिखित
- तुलसीकृत = तुलसी द्वारा कृत
- रेखांकित = रेखा से अंकित
- भयाकुल = भय से आकुल
- मदांध = मद से अंध
3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास (के लिए)
परिभाषा: जहां सम्प्रदान कारक की विभक्ति ‘के लिए’ का लोप होता है।
मुख्य उदाहरण:
- विद्यालय = विद्या के लिए आलय
- हथकड़ी = हाथ के लिए कड़ी
- गोशाला = गाय के लिए शाला
- देवालय = देव के लिए आलय
- राहखर्च = राह के लिए खर्च
4. अपादान तत्पुरुष समास (से – अलग होने का भाव)
परिभाषा: जहां अपादान कारक की विभक्ति ‘से’ (अलग होने के अर्थ में) का लोप होता है।
मुख्य उदाहरण:
- ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त
- पथभ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट
- जन्मांध = जन्म से अंधा
- धनहीन = धन से हीन
- गुणातीत = गुणों से अतीत
5. संबंध तत्पुरुष समास (का/की/के)
परिभाषा: जहां संबंध कारक की विभक्ति ‘का’, ‘की’, ‘के’ का लोप होता है।
मुख्य उदाहरण:
- राजपुत्र = राजा का पुत्र
- गंगाजल = गंगा का जल
- देशभक्ति = देश की भक्ति
- राष्ट्रपति = राष्ट्र का पति
- जलधारा = जल की धारा
6. अधिकरण तत्पुरुष समास (में/पर)
परिभाषा: जहां अधिकरण कारक की विभक्ति ‘में’ या ‘पर’ का लोप होता है।
मुख्य उदाहरण:
- आत्मविश्वास = आत्मा पर विश्वास
- लोकप्रिय = लोक में प्रिय
- जलमग्न = जल में मग्न
- गृहप्रवेश = गृह में प्रवेश
- वनवास = वन में वास
विशेष प्रकार के तत्पुरुष समास
नञ् तत्पुरुष समास
यह तत्पुरुष समास का विशेष भेद है जहां नकारात्मक अर्थ के लिए ‘अ’, ‘अन्’, ‘अन’ और ‘न’ उपसर्गों का प्रयोग होता है।
उदाहरण:
- अज्ञात = नहीं है ज्ञात जो
- अभेद्य = नहीं भेदा जाए जिसे
- अतृप्त = नहीं है जो तृप्त
- असंतोष = नहीं है संतोष जिसे
छात्रों के लिए स्मरण ट्रिक
🧠 आसान याददाश्त की तकनीक:
कारक चिह्न याद करने का सूत्र:
- कर – को (कर्म तत्पुरुष)
- कर – से/द्वारा (करण तत्पुरुष)
- सम – के लिए (सम्प्रदान तत्पुरुष)
- अप – से अलग (अपादान तत्पुरुष)
- सं – का/की/के (संबंध तत्पुरुष)
- अधि – में/पर (अधिकरण तत्पुरुष)
स्मरण सूत्र: “कर कर सम अप सं अधि” = “करके समाप संकट अधिक”
व्यावहारिक उपयोग और महत्व
तत्पुरुष समास का प्रयोग हमारी दैनिक भाषा में व्यापक रूप से होता है। समाचारपत्रों, साहित्य, और औपचारिक लेखन में इसका प्रयोग भाषा को संक्षिप्त और प्रभावशाली बनाता है।
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