समास : परिभाषा, भेद, उदाहरण व उपयोगिता

समास की परिभाषा

समास (Compound word) दो या दो से अधिक शब्दों के संयोग से बना हुआ वह सारगर्भित शब्द है, जिसमें शब्दों के मेल से नया अर्थ निर्मित होता है और वाक्यांश की अपेक्षा शब्द संक्षिप्त हो जाता है।
जैसे: ‘राजपुत्र’ (राजा का पुत्र), ‘वनराज’ (वन का राजा अर्थात् सिंह)।

समास के भेद

समास मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं। प्रत्येक की परिभाषा व उदाहरण नीचे दिए गए हैं:

भेदपरिभाषाउदाहरण
तत्पुरुषजिसे पहले पद पर निर्भर दूसरे पद का अर्थ मूल रूप से मिलता है।जलपान (जल का पान)
द्वंद्वजिसमें दोनों या सभी पदों का स्वतंत्र अर्थ मिलकर संयुक्त अर्थ देता है।माता-पिता (माता और पिता)
द्विगुजिसमें पहला पद संख्या या परिमाण दर्शाता है, दूसरा पद उसके संबंध का बोध कराता है।त्रिलोचन (तीन लोचन वाला)
बहुव्रीहिजिसमें दोनों पद भिन्न अर्थ देकर किसी तीसरे के लिए प्रयुक्त होते हैं।पीताम्बर (पीला वस्त्र धारी)
अव्ययीभावजिसमें पहला पद अव्यय (जैसे – उपसर्ग, क्रिया या अन्य अव्यय) होता है, पूरा समास अव्यय बन जाता है।उपर्युक्त (ऊपर कही गई बात)

सभी भेदों की संक्षिप्त परिभाषा और उदाहरण

1. तत्पुरुष समास

  • परिभाषा: इसमें उत्तरपद प्रधान होता है और पूर्वपद कारक में रहता है।
  • उदाहरण: ग्रामेश्वर (ग्राम का ईश्वर), मार्गदर्शक (मार्ग का निर्देशन करने वाला)

2. द्वंद्व समास

  • परिभाषा: इसके दोनों पद प्रधान होते हैं और ‘और’ का अर्थ छिपा रहता है।
  • उदाहरण: गुरु-शिष्य (गुरु और शिष्य), राम-लक्ष्मण

3. द्विगु समास

  • परिभाषा: जिसमें संख्यावाचक या परिमाणवाचक शब्द पहले आता है।
  • उदाहरण: पंचवटी (पाँच वृक्षों वाला), सप्तर्षि (सात ऋषि)

4. बहुव्रीहि समास

  • परिभाषा: जब दोनों पद मिलकर किसी तीसरे व्यक्ति/वस्तु का बोध कराएँ।
  • उदाहरण: चक्रपाणि (चक्र धारण करने वाला – विष्णु), नीलकंठ (नीला कंठ होने वाला – शिव)

5. अव्ययीभाव समास

  • परिभाषा: जिसमें पहला पद अव्यय होता है और पूरा शब्द अव्यय के रूप में प्रयोग होता है।
  • उदाहरण: सदाकाल (सदा के लिए), प्रतिदिन (हर दिन)

3. समास के प्रयोग के उदाहरण

  • गोपालकृष्ण (गायों के पालन करने वाले कृष्ण; तत्पुरुष)
  • दूध-रोटी (दूध और रोटी; द्वंद्व)
  • सप्तसागर (सात सागर; द्विगु)
  • चतुर्भुज (चार भुजाओं वाला – विष्णु; बहुव्रीहि)
  • यथाशक्ति (शक्ति के अनुसार; अव्ययीभाव)

4. समास की उपयोगिता

  • भाषा में संक्षिप्तता आती है: लम्बे वाक्यांशों की जगह छोटा, सारगर्भित शब्द।
  • स्पष्टता और अर्थ की घनता मिलती है।
  • शैली और काव्यात्मकता बढ़ती है।
  • मूल्यवान पाठ्य सामग्री के निर्माण में सहायक।
  • संचार की गति बढ़ती है, वैज्ञानिक, साहित्यिक और दैनिक भाषा में अत्यंत उपयोगी।

समास हिंदी भाषा-व्याकरण को उन्नत, प्रभावशाली और सुगम बनाते हैं। इनके अध्ययन से भाषा की सुंदरता और अर्थ की गहराई सहजता से समझी जा सकती है।

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